India-China: चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदलने का एक और विवादित कदम उठाया है। चीन की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलकर उनका चीनी नामकरण किया है। इस कदम को लेकर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और चीन के इस कदम को सिरे से खारिज कर दिया है।
भारत ने चीन को दिया कड़ा संदेश
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने चीन के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमने देखा है कि चीन अपनी नाकाम कोशिशों के तहत अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश कर रहा है। हम इस तरह के प्रयासों को पूरी तरह से नकारते हैं।’ जयस्वाल ने यह भी कहा कि इस तरह के प्रयासों से सचाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य हिस्सा है।
Our response to media queries on renaming places in Arunachal Pradesh by China (May 14, 2025)
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— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) May 14, 2025
अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा और भारत का विरोध
चीन का हमेशा से यह दावा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है और इसे वह ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा मानता है। हालांकि, भारत ने हमेशा इस दावे को सिरे से नकारा है और कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य हिस्सा है। पिछले कुछ सालों में चीन ने कई बार अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है। 2024 में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नामों की एक सूची जारी की थी, जिसे भारत ने फिर से नकार दिया था।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद
भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर लंबा समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। अरुणाचल प्रदेश चीन के तिब्बत क्षेत्र के साथ सीमा साझा करता है और इस इलाके पर दोनों देशों के बीच विवाद जारी है। चीन का दावा है कि यह क्षेत्र उसका है, जबकि भारत इसे अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। इस विवाद के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और यह स्थिति भविष्य में और जटिल हो सकती है। हालांकि, भारत सरकार ने चीन के इस कदम को नकारते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा।