Delhi School Fee Hike: दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल ने रेखा गुप्ता सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि दिल्ली सरकार कहां है और स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार माता-पिता और बच्चों के हितों की सुरक्षा क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर क्यों माता-पिता को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।
DPS द्वारका से छात्रों के निष्कासन पर केजरीवाल का निशाना
14 मई को केजरीवाल ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) द्वारका से छात्रों के निष्कासन पर भी अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार के समय ऐसा कभी नहीं होने दिया गया। कोई भी स्कूल छात्रों को निष्कासित नहीं कर सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि AAP सरकार हमेशा छात्रों और माता-पिता की सुरक्षा के लिए खड़ी रहती थी। यह बयान DPS द्वारका से 32 छात्रों के स्कूल से बाहर किए जाने के मामले में आया है, जो फीस न बढ़ाने पर स्कूल द्वारा निष्कासित किए गए हैं।
Where is Delhi govt? Why is it not taking action against these schools? Why is Delhi govt not protecting the interests of parents and children? Why do the parents have to go to courts? pic.twitter.com/CoWcl6kxAw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 15, 2025
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार को घेरा
इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार इस मामले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने याद दिलाया कि DPS द्वारका के माता-पिता को हाई कोर्ट का सहारा लेना पड़ा है। सौरभ ने यह भी आरोप लगाया कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का भाजपा और दिल्ली के मुख्यमंत्री से घनिष्ठ संबंध है, जो इस समस्या का कारण बन रहा है। उनका यह भी कहना था कि सरकार की यह चुप्पी सीधे तौर पर स्कूलों को मनमानी करने की अनुमति दे रही है।
माता-पिता की याचिका में क्या है दावा
दिल्ली पब्लिक स्कूल, द्वारका के 32 छात्रों के माता-पिता ने हाई कोर्ट का रुख किया है। उनकी याचिका में कहा गया है कि स्कूल ने बढ़ी हुई फीस न देने के कारण उनके बच्चों के नाम स्कूल के रॉल से हटा दिए हैं। यह भी बताया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही स्कूलों को यह निर्देश दे चुका है कि फीस न देने पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार या परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन स्कूल ने इस आदेश की अवहेलना की है। याचिका वकील मनोज कुमार शर्मा द्वारा दायर की गई है, जिसमें माता-पिता ने स्कूल की इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताया है।
दिल्ली के स्कूल फीस बढ़ोतरी विवाद ने शिक्षा व्यवस्था और सरकार की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही है कि उनकी आवाज़ क्यों नहीं सुनी जा रही है और बच्चों का भविष्य खतरे में क्यों डाल दिया जा रहा है। वहीं राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाती नजर आ रही हैं। अब सवाल यह है कि दिल्ली सरकार कब तक इस मसले पर सख्ती से कदम उठाएगी और छात्रों व अभिभावकों के हितों की रक्षा करेगी।