Shani Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान शनि देव के जन्म के रूप में मनाया जाता है। इस साल शनि जयंती 27 मई 2025 को मनाई जाएगी क्योंकि अमावस्या तिथि 26 मई को सुबह 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 27 मई को सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार व्रत और पूजा का दिन 27 मई को ही माना गया है। इस दिन श्रद्धालु शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा और दान करते हैं। साथ ही इस दिन कुछ खास उपाय करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे शनि दोषों से भी राहत मिल सकती है।
शनि जयंती के दिन करें ये खास उपाय
शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें। फिर वहां सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद गणेश जी का ध्यान करके उनके मंत्रों का जाप करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इस दिन हनुमान चालीसा का कम से कम सात बार पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे भी सरसों के तेल का दीपक जलाने की परंपरा है। ऐसा करने से न सिर्फ शनि देव की कृपा मिलती है बल्कि पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यह उपाय करने से मानसिक शांति और रुके हुए कार्यों में प्रगति देखने को मिलती है।
छाया दान से दूर होते हैं शनि के दोष
शनि जयंती पर छाया दान का विशेष महत्व होता है। इसके लिए एक स्टील या कांसे के बर्तन में सरसों का तेल लें और उसमें अपनी परछाईं देखें। इसके बाद इस तेल को किसी योग्य व्यक्ति या मंदिर में दान कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है और जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं भी आसान हो जाती हैं।
इसके अलावा इस दिन नीले या काले वस्त्र दान करना भी शुभ माना जाता है। यह दान किसी गरीब व्यक्ति या जरूरतमंद को देना चाहिए। इससे शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
जानवरों को खाना खिलाकर पाएं शनि देव का आशीर्वाद
शनि देव उन लोगों से प्रसन्न होते हैं जो जरूरतमंदों की मदद करते हैं। इसीलिए इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराना या उसके लिए राशन आदि की व्यवस्था करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। साथ ही जानवरों को रोटी या अन्न खिलाना भी बहुत फलदायी माना गया है।
विशेष रूप से इस दिन कुत्तों, कौवों और चींटियों को भोजन देने से शनि की कुदृष्टि दूर होती है और जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है। यह छोटे-छोटे उपाय न केवल आध्यात्मिक रूप से लाभकारी हैं बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति भी प्रदान करते हैं।