रविवार रात, 23 मार्च को, नई Delhi Railway Station पर अचानक भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई और स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यह घटना प्लेटफार्म नंबर 12 और 13 पर घटी। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और किसी भी संभावित हादसे को टाल दिया। इस भगदड़ जैसी स्थिति में किसी के घायल होने की खबर नहीं आई है।
क्या बोले गवाह?
घटना के गवाहों का कहना है कि प्लेटफार्म पर अत्यधिक भीड़ के कारण यात्री घबराए हुए थे और कई लोग सुरक्षा और स्थान के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए। दिल्ली पुलिस के अनुसार, घबराहट और भ्रम के कारण प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रणनीतियाँ अपनाई। उत्तर रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रविवार को हमेशा अतिरिक्त भीड़ होती है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण उपायों को लागू किया, जिससे स्थिति को काबू में किया गया। वर्तमान में स्थिति सामान्य है।”
स्टेशन पर क्यों बढ़ी भीड़?
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, रविवार रात करीब 9:30 से 10:00 बजे के बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अचानक भारी भीड़ जमा हो गई थी। इसका कारण था कई प्रमुख ट्रेनों का निरंतर विलंब। पुलिस के अनुसार, बढ़ती भीड़ को देखते हुए यात्री सुरक्षा और उनकी सुरक्षित आवाजाही के लिए तत्काल भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता थी। अधिकारियों के मुताबिक, 5 प्रमुख ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान में देरी हो रही थी, जिसके कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर समस्याएं उत्पन्न हुईं और भीड़ बढ़ गई।
क्या था भ्रम का कारण?
असल में, शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन का समय रात 8:05 बजे था, लेकिन यह ट्रेन एक घंटे से ज्यादा की देरी से 9:20 बजे रवाना हुई। इसी दौरान स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, जो 9:15 बजे रवाना होने वाली थी, पहले ही एक प्रमुख प्लेटफार्म पर खड़ी थी। साथ ही, जम्मू राजधानी एक्सप्रेस, जो 9:25 बजे रवाना होनी थी, और लखनऊ मेल, जो 10:00 बजे जाने वाली थी, दोनों भी देर से चल रही थीं। इसके अलावा, मगध एक्सप्रेस, जो 9:05 बजे रवाना होनी थी, को भी प्लेटफार्म नहीं दिया गया, जिससे भ्रम और भी बढ़ गया।
कैसे संभाला गया भगदड़ जैसी स्थिति?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रविवार को भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। रेलवे अधिकारियों ने विशेष भीड़ नियंत्रण उपायों को लागू किया। अनारक्षित यात्रियों को प्लेटफार्म पर अधिक भीड़ से बचाने के लिए होल्डिंग ज़ोन में भेजा गया। इस दौरान रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ कमांडेंट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के स्टेशन निदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित थे, जिन्होंने स्थिति की निगरानी की और उसे नियंत्रित किया।
पिछली भगदड़ घटना
यह घटना ऐसे समय में हुई जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिछले महीने, 15 फरवरी को भी एक बड़ी भगदड़ हुई थी, जिसमें 18 लोग मारे गए और 15 लोग घायल हो गए थे। उस समय प्लेटफार्म 14 और 15 पर एक बड़ी भीड़ जमा हो गई थी, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोग अपनी जान गंवा बैठे।
रविवार की रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी स्थिति प्रशासन की तत्परता और सही समय पर उठाए गए कदमों के कारण टल गई। हालांकि, यह घटना इस बात को फिर से उजागर करती है कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन सकती है। अधिकारियों के अनुसार, यात्रियों की सुरक्षा और उनके सुविधाजनक यात्रा के लिए इस प्रकार की स्थितियों से निपटने के लिए और भी बेहतर उपायों की आवश्यकता है।