Union Budget 2025: 1 फरवरी को, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इतिहास रचते हुए लगातार आठवां बजट पेश किया। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान करने वाला था। वित्त मंत्री के साथ इस ऐतिहासिक दिन पर कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे, और बजट प्रस्तुति की प्रक्रिया के दौरान संसद में कई घटनाएँ घटीं, जिनसे यह दिन और भी महत्वपूर्ण बन गया।
वित्त मंत्री का मंत्रालय में आगमन और पारंपरिक परिधान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुति से पहले वित्त मंत्रालय में प्रवेश किया, और उनके साथ राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी थे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने एक खास परिधान चुना, जो भारतीय कला और संस्कृति की मिसाल था। उन्होंने इस दिन मधुबनी कला की साड़ी पहनी, जो बिहार के मधुबनी क्षेत्र की प्रसिद्ध पारंपरिक कला है। इस कला की प्रमुख कलाकार दुलारी देवी थीं, जिन्हें 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मधुबनी कला भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा है, और इस साड़ी के माध्यम से निर्मला सीतारमण ने भारतीय कला के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाया।
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात और परंपरा का पालन
बजट पेश करने से पहले, वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह एक परंपरा है जिसमें वित्त मंत्री राष्ट्रपति को बजट में शामिल महत्वपूर्ण प्रावधानों और बदलावों के बारे में जानकारी देती हैं। इस परंपरा के अनुसार, वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति से बजट के मुख्य पहलुओं पर चर्चा की और उनके अनुमोदन प्राप्त किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री को दही और शक्कर खिलाकर उनके मुंह में मिठास डाली और उनके साथ नाश्ता भी किया। यह एक आत्मीय और पारंपरिक क्षण था, जो भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता और सम्मान का प्रतीक है।
VIDEO | Union Budget 2025: President Droupadi Murmu (@rashtrapatibhvn) offers ‘Dahi-Cheeni’ to Union Finance Minister Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) at Rashtrapati Bhavan.#BudgetSessionWithPTI #Budget2025WithPTI
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— Press Trust of India (@PTI_News) February 1, 2025
लोकसभा में बजट पेश करने की तैयारी
राष्ट्रपति से मिलने के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन के लिए रुख किया। यह दिन भारतीय राजनीति और आर्थिक दिशा-निर्देशों का एक अहम दिन था, क्योंकि बजट लोकसभा में पेश होने वाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही संसद भवन पहुंच चुके थे और बजट प्रस्तुति के लिए तैयार थे। सुबह के 11 बजे जैसे ही वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट भाषण पढ़ना शुरू किया, संसद में कई घटनाएँ घटीं, जो बजट की प्रस्तुति से ज्यादा चर्चा का विषय बन गईं।
विपक्ष का हंगामा और विरोध
बजट भाषण के दौरान, विपक्षी दलों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सांसदों ने कुंभ मेला घोटाले और अन्य मुद्दों को लेकर नारेबाजी की और वित्त मंत्री के भाषण के बीच लगातार विघ्न डालने की कोशिश की। यह स्थिति संसद में आमतौर पर देखी जाती है, जब विरोधी दल सरकार की नीतियों और प्रस्तावों के खिलाफ अपने विरोध को व्यक्त करते हैं। इस बार विपक्ष ने विशेष रूप से कुंभ मेला घोटाले को लेकर सवाल उठाए, और इसे बजट के पेश होने से पहले एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया।
कैबिनेट की मंजूरी और बजट के मुख्य पहलू
इसके बाद, कैबिनेट ने बजट 2025 को अपनी मंजूरी दी। यह मंजूरी बजट में किए गए विभिन्न प्रावधानों और योजनाओं को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद, संसद में बजट भाषण का प्रारंभ हुआ, और वित्त मंत्री ने बजट की प्रमुख विशेषताओं और प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की। इस बजट में कई प्रमुख क्षेत्रों के लिए फंड आवंटन किया गया था, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, और बुनियादी ढांचे जैसे अहम मुद्दे शामिल थे। सरकार ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतियों की घोषणा की और इसे लागू करने के लिए एक मजबूत कार्य योजना तैयार की।
वित्तीय वर्ष 2025 के लिए विशेष योजनाएँ और प्रावधान
वित्त मंत्री ने बजट में कई योजनाओं की घोषणा की, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नए आयामों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होंगी। इनमें किसानों के लिए विशेष योजनाएं, महिला सशक्तिकरण के लिए नई पहल, और रोजगार सृजन के लिए निवेश योजनाओं पर जोर दिया गया। इसके अलावा, सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े फंड आवंटित किए हैं, ताकि देश के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूती मिल सके। साथ ही, व्यापारियों और छोटे उद्योगों के लिए टैक्स छूट और सहायता की योजनाएं भी पेश की गईं, जिससे देश की उद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा मिल सके।
1 फरवरी का दिन भारतीय लोकतंत्र और आर्थिक नीति के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आठवें बजट को पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले किए, जो देश की आर्थिक दिशा को प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही, बजट के पेश होने के दौरान संसद में हुई राजनीतिक हलचल ने इसे और भी रोमांचक बना दिया। विपक्ष द्वारा किए गए विरोध के बावजूद, यह दिन भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शक्ति और बजट की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। भविष्य में इन नीतियों का भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, और हमें इन बदलावों को समझने और उनका स्वागत करने की जरूरत है।