Panchang: भद्राकाल में होलिका दहन करना सही या गलत? जानें क्या करें और क्या न करें!

Panchang: भद्राकाल में होलिका दहन करना सही या गलत? जानें क्या करें और क्या न करें!

Panchang: होली का पर्व रंगों और उल्लास का प्रतीक है, लेकिन इसके एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन होलिका की अग्नि में अपनी बुरी आदतों और नकारात्मकता को जलाकर एक नए और शुभ कल की शुरुआत की जाती है। लेकिन होलिका दहन का सही मुहूर्त देखना बहुत जरूरी होता है। 2025 में भी होलिका दहन के दिन भद्राकाल रहेगा, जिससे सही समय पर दहन करना आवश्यक होगा। आइए जानते हैं कि 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है, इस दिन कौन-कौन से कार्य करने से लाभ होगा और किन कार्यों से बचना चाहिए।

2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन को “छोटी होली” भी कहा जाता है और यह मुख्य रूप से फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है। 2025 में छोटी होली 13 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन भद्रा काल सुबह से लेकर शाम 6:57 बजे तक रहेगा। इसके बाद रात 6:57 से 10:22 बजे तक भद्रा मुखा रहेगा, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इसलिए होलिका दहन का सही समय रात 10:22 बजे के बाद होगा।

भद्राकाल में होलिका दहन क्यों वर्जित है?

भद्रा को अशुभ काल माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा मुखा के दौरान किए गए कार्य हानिकारक हो सकते हैं। होलिका दहन यदि भद्राकाल में किया जाए, तो इससे घर-परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और अनहोनी की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना शुभ माना जाता है।

होलिका दहन के दिन क्या न करें?

  1. शुभ कार्य न करें

    • होलिका दहन के दिन भद्राकाल रहेगा, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, या अन्य शुभ कार्य इस दिन न करें।
  2. बड़ी आर्थिक लेन-देन से बचें

    • इस दिन कोई भी नया व्यापार या आर्थिक लेन-देन करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए बिजनेसमैन को चाहिए कि वे किसी भी महत्वपूर्ण डील को इस दिन फाइनल न करें।
  3. यात्रा न करें

    • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भद्राकाल के दौरान यात्रा करना अशुभ माना जाता है। यदि बहुत आवश्यक न हो तो इस दिन यात्रा से बचें।
  4. नए वाहन या संपत्ति की खरीदारी न करें

    • इस दिन नया वाहन, जमीन या घर खरीदने से बचना चाहिए। यह भविष्य में नुकसान का कारण बन सकता है।
  5. क्रोध और अपशब्दों से बचें

    • होलिका दहन के दिन झगड़ा, अपशब्दों का प्रयोग और किसी का अनादर करने से बचें, क्योंकि यह आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

Panchang: भद्राकाल में होलिका दहन करना सही या गलत? जानें क्या करें और क्या न करें!

होलिका दहन के दिन क्या करें?

  1. कुल देवी-देवता की पूजा करें

    • भद्राकाल के दौरान कुल देवी-देवता की पूजा करना शुभ होता है। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  2. मंत्रों का जाप करें

    • इस दिन भगवान विष्णु, शिव और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है।
  3. भगवान विष्णु की पूजा करें

    • होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु की आराधना करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  4. शनि मंत्रों का जाप करें

    • इस दिन शनि देव के मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  5. बहनों और बुआ को उपहार दें

    • होलिका दहन के दिन बहनों और बुआ को उपहार देने से जीवन में धन और समृद्धि आती है।

होलिका दहन की धार्मिक मान्यता

होलिका दहन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इसके पीछे की कहानी भक्त प्रह्लाद और उसकी बुआ होलिका से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप ने उन्हें मारने के लिए कई प्रयास किए। अंत में उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली, जिसे आग में न जलने का वरदान था।

होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई। इस तरह यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक बन गया और तभी से हर साल होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है।

होलिका दहन की प्रक्रिया

  1. सामग्री इकट्ठा करें – होलिका दहन के लिए लकड़ियां, गोबर के उपले, सूखी घास और फूल आदि की आवश्यकता होती है।
  2. होलिका स्थापना करें – होलिका को किसी सार्वजनिक स्थान या घर के पास एक खुली जगह पर स्थापित किया जाता है।
  3. पूजा करें – पूजा के दौरान भगवान विष्णु, प्रह्लाद और होलिका की कथा सुनी जाती है।
  4. होलिका जलाएं – शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है और बुरी आदतों, बुरी नजर को अग्नि में जलाने की कामना की जाती है।
  5. परिक्रमा करें – होलिका दहन के बाद उसकी परिक्रमा की जाती है और अग्नि में गेंहू, चना, नारियल और मिठाइयां अर्पित की जाती हैं।

होलिका दहन के फायदे

  • यह नकारात्मक शक्तियों और बुरी आत्माओं को दूर करता है।
  • यह आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का अवसर प्रदान करता है।
  • फसल और खेतों की उर्वरता में वृद्धि होती है।
  • परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

होलिका दहन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन में बुराइयों को त्यागने और अच्छे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। 2025 में होलिका दहन रात 10:22 बजे के बाद करना शुभ रहेगा, क्योंकि उससे पहले भद्राकाल रहेगा। इस दिन शुभ कार्य करने से बचें और पूजा, मंत्र जाप और दान जैसे कार्य करें। सही मुहूर्त में होलिका दहन करने से घर-परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और समृद्धि आती है।