Women’s Day: कौन हैं अनीता देवी, जिनकी तारीफ PM मोदी ने की, सैकड़ों महिलाओं को दिया रोजगार

Women's Day: कौन हैं अनीता देवी, जिनकी तारीफ PM मोदी ने की, सैकड़ों महिलाओं को दिया रोजगार

Women’s Day: आज पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी आधिकारिक प्रोफ़ाइल को कई सफल भारतीय महिलाओं को सौंप दिया।

आज सुबह से ही प्रधानमंत्री के X अकाउंट से कई प्रेरणादायक पोस्ट साझा किए गए, जिनमें देशभर की महिलाओं की सफलता की कहानियां शामिल हैं। इन पोस्ट्स में उन महिलाओं के बारे में बताया गया है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि इन महिलाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति और सफलता हमें महिलाओं की अपार क्षमता की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि आज ही नहीं, बल्कि हर दिन हमें उनके योगदान को सम्मान देना चाहिए, क्योंकि वे एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

मशरूम से बनाई अपनी पहचान, सैकड़ों महिलाओं को दी रोज़गार

पीएम मोदी के X अकाउंट से साझा की गई कई सफलता की कहानियों में से एक कहानी अनिता देवी की भी है।

अनिता देवी बिहार के नालंदा जिले के अनंतपुर गांव की निवासी हैं। जीवन में कई संघर्षों से जूझने के बावजूद, उन्होंने 2016 में स्वरोजगार शुरू करने का फैसला किया।

उन्होंने मधोपुर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना की, और आज उनका यह उद्यम सफलतापूर्वक फल-फूल रहा है।

अनिता देवी ने मशरूम की खेती से अपनी पहचान बनाई। इस व्यवसाय से वह ना केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं, बल्कि सैकड़ों अन्य महिलाओं को भी रोज़गार दे रही हैं।

संघर्षों से सफलता तक का सफर

अनिता देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

  • उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया।
  • उन्होंने बिहार सरकार के जीविका परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग ली।
  • इसके बाद, उन्होंने मशरूम की खेती को अपने व्यवसाय के रूप में अपनाया और धीरे-धीरे इस काम में अन्य महिलाओं को भी जोड़ लिया।

आज उनके साथ कई महिलाएं मिलकर मशरूम की खेती कर रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधार रही हैं।

महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर

अनिता देवी का उद्यम न केवल स्वयं के लिए आर्थिक उन्नति का मार्ग बना, बल्कि उन्होंने इसे अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार का जरिया बना दिया।

  • उनकी कंपनी किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक जैसी आवश्यक चीजें कम कीमत पर उपलब्ध कराती है।
  • इससे किसानों को कम लागत में बेहतर कृषि उत्पाद मिलते हैं और उनकी खेती की उत्पादकता बढ़ती है।
  • उन्होंने सैकड़ों महिलाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।

अनिता देवी की इस पहल से यह साफ जाहिर होता है कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो वे पूरे समाज को आगे बढ़ाने में योगदान देती हैं।

अगला लक्ष्य: मखाना उत्पादन

मशरूम की खेती में सफलता हासिल करने के बाद, अनिता देवी अब मखाना उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही हैं।

  • उनका मानना है कि मखाना की खेती से और अधिक महिलाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
  • वह चाहती हैं कि गांव की हर महिला आत्मनिर्भर बने और आर्थिक रूप से सक्षम हो।

उनका सपना है कि हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो और अपने लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करे।

अनिता देवी कहती हैं, “अगर मैंने यह कर दिखाया, तो आप भी कर सकते हैं।”

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

अनिता देवी की कहानी महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है।

  • उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि महिलाओं को सही अवसर मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।
  • उनकी सफलता यह दर्शाती है कि स्वरोजगार के माध्यम से महिलाएं न केवल अपनी बल्कि समाज की भी तस्वीर बदल सकती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महिलाओं की सफलता को एक राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना, समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है कि महिलाओं की सफलता को सम्मान और पहचान मिलनी चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इस मौके पर पीएम मोदी का यह कदम महिलाओं के योगदान को सराहने और उन्हें प्रोत्साहित करने का एक बड़ा प्रयास है। अनिता देवी जैसी महिलाओं की कहानियां हमें यह सिखाती हैं कि संघर्षों से घबराने के बजाय, आत्मनिर्भरता और मेहनत से सफलता की ओर बढ़ना चाहिए। आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। यह दिन महिलाओं की शक्ति, साहस और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महिला को समान अवसर मिले, ताकि वह अपने सपनों को साकार कर सके और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सके।